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‘संकल्प और अनुशासन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं’

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Narad Varta, नारद वार्ता संवाददाता, नई दिल्ली: ‘जहां चाह, वहां राह’—इस कहावत को सच कर दिखाया है दिल्ली पुलिस के डीसीपी (मेट्रो) जितेंद्र मणि ने, उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और अनुशासन के बल पर न सिर्फ अपने स्वास्थ्य में अद्भुत सुधार किया, बल्कि हजारों लोगों को प्रेरित करने का काम भी किया। अपनी फिटनेस यात्रा में उन्होंने 8 महीनों में 45 किलो वजन कम किया है। हर महीने औसतन 4.5 लाख कदम चलते हुए अब तक कुल 32 लाख से अधिक कदमों का सफर तय किया। उनके इस असाधारण प्रयास को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने भी सराहा और विशेष रूप से उन्हें सम्मानित किया।

स्वास्थ्य जागरूकता के लिए मिसाल

डीसीपी जितेंद्र मणि अपने वजन को लेकर चिंतित थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने जीवनशैली को बदलने का दृढ़ संकल्प लिया। उन्होंने रोज़ाना 15,000 से अधिक कदम चलने का लक्ष्य रखा, खानपान पर सख्त नियंत्रण किया और कड़ी मेहनत से खुद को एक नए रूप में ढाल दिया। उनके इस शानदार बदलाव की चर्चा न सिर्फ दिल्ली पुलिस बल में, बल्कि समाज के हर वर्ग में हो रही है। डीसीपी जितेंद्र मणि का यह फिटनेस सफर उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपने स्वास्थ्य को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने दिखाया कि सही योजना, निरंतरता और आत्मनियंत्रण से कुछ भी संभव है।

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने किया सम्मानित

दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने जितेंद्र मणि के इस सराहनीय प्रयास को देखते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। यह सम्मान एक विशेष समारोह में दिया गया, जहां हजारों पुलिसकर्मी, अधिकारी और विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। इस मौके पर विशेष आयुक्त रोबिन हिब्रू ने भी उनके प्रयासों की सराहना की और बताया कि कैसे उन्होंने जितेंद्र मणि को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रेरित किया। इस मौके पर जितेंद्र मणि ने इस सम्मान को न केवल अपनी उपलब्धि माना, बल्कि इसे एक नई जिम्मेदारी भी समझा। उन्होंने संकल्प लिया कि वे अपनी फिटनेस यात्रा को जारी रखेंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा, ‘अगर मैंने यह कर दिखाया, तो कोई भी कर सकता है। जरूरत सिर्फ एक मजबूत इच्छाशक्ति और अनुशासन की है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।’

समाज के लिए प्रेरणा बने डीसीपी मेट्रो

डीसीपी जितेंद्र मणि का यह सफर हर उस व्यक्ति के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो अपनी व्यस्त जीवनशैली के चलते स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। पुलिस जैसी चुनौतीपूर्ण नौकरी में रहते हुए भी उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दिया और यह दिखाया कि अगर दृढ़ निश्चय हो तो कोई भी बदलाव लाया जा सकता है।

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