पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए रेलवे अभियंता अतुल मोने को साथियों ने दी श्रद्धांजलि
- बोले – “अब भी यकीन नहीं होता कि वह हमारे बीच नहीं हैं”
- Railway Engineers Pay Tribute to Colleague Atul Mone Killed in Pahalgam Terror Attack, Say – “We Still Can’t Believe He’s Gone”
Narad Varta, नारद वार्ता संवाददाता, मुंबई: दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। मुंबई के परेल स्थित मध्य रेलवे की ऐतिहासिक वर्कशॉप में काम करने वाले अभियंताओं और कर्मचारियों को इस हमले की खबर टीवी पर देखकर गहरा झटका लगा, लेकिन उन्हें यह अनुमान नहीं था कि उनके अपने ही सहयोगी अतुल मोने भी इस त्रासदी का शिकार हो चुके हैं।
वो हमारा साथी था, हम अब भी यकीन नहीं कर पा रहे”
डोंबिवली निवासी 43 वर्षीय अतुल मोने रेलवे की व्हील शॉप में वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। वह अपने परिवार और मित्रों के साथ कश्मीर छुट्टियों पर गए थे। उनके सहकर्मी राजेश नादर ने बताया कि मंगलवार शाम करीब साढ़े पांच बजे उन्हें हमले की जानकारी मिली, लेकिन यह नहीं सोचा था कि अतुल भी उनमें से एक हो सकते हैं। नादर ने कहा, “रात करीब आठ बजे मैंने उन्हें व्हाट्सऐप कॉल किया, लेकिन जवाब नहीं मिला। फिर 30 मिनट के अंदर टीवी पर उनकी मौत की खबर आ गई। हम सब स्तब्ध रह गए।”
तस्वीर पर अर्पित की गई श्रद्धांजलि
बुधवार को रेलवे वर्कशॉप का माहौल बेहद गमगीन था। मुख्य प्रवेश द्वार पर फूलों से सजी अतुल मोने की तस्वीर रखी गई थी, जहां सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। रेलवे यूनियनों ने आसपास श्रद्धांजलि पोस्टर और बैनर लगाए। सभी कर्मचारियों की आंखें नम थीं।
साथी अभियंताओं की भावुक प्रतिक्रियाएं
दीपक कैपथ, जो पिछले नौ वर्षों से मोने के साथ काम कर रहे थे, ने बताया, “हम रोज एक-दूसरे से मिलते थे, साथ खाते थे, बातें करते थे। अचानक उनका यूं चले जाना अब भी यकीन से बाहर है।”
भूषण गायकवाड़ ने बताया कि 14 अप्रैल को बाबासाहेब आंबेडकर जयंती पर मोने से आखिरी बार बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा, “उन्होंने हमेशा अपने काम को पूरी निष्ठा से किया। रेलवे ने एक बेहतरीन इंजीनियर खो दिया।
नितिन पाटिल, एक अन्य सहकर्मी, ने बताया, “सोमवार रात मेरी उनसे व्हाट्सऐप पर बात हुई थी। उन्होंने बताया था कि वो कश्मीर घूमने गए हैं। जब उनकी मौत की खबर मिली, मैं सन्न रह गया।”
2000 से रेलवे में सेवाएं दे रहे थे मोने
रेलवे अधिकारियों ने जानकारी दी कि अतुल मोने वर्ष 2000 में कनिष्ठ अभियंता के रूप में रेलवे में शामिल हुए थे और अपने काम में हमेशा दक्ष और समर्पित रहे। वे व्हील शॉप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे थे।