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पुनर्विकास और अदाणी के बीच उलझी है धारावी

धारावी सीट: यह सीट 44 साल में से 40 साल तक कांग्रेस के पास है, जिसमें से 35 साल तक गायकवाड परिवार का राज

■ मुंबईः कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक धारावी पुनर्विकास को लेकर बीजेपी और अडाणी पर निशाना साध रहे हैं, इसलिए यह हॉट सीट बन गई है। यह सीट 44 साल में से 40 साल तक कांग्रेस के पास रही। इसमें भी 35 साल तक गायकवाड परिवार ने नेतृत्व किया है।इन 44 साल में राज्य में कांग्रेस और सहयोगी दलों की ही सरकार रही है। ऐसे में महायुति का सवाल है कि इतने साल में गायकवाड परिवार ने क्षेत्र के पुनर्विकास और स्थानीय समस्याओं के मुद्दों का हल क्यों नहीं निकाला? क्या इतने साल पर्याप्त नहीं थे? वहीं, एक वार फिर गायकवाड परिवार इस सीट से मैदान में है।

सादोद्दीन हैं निर्दलीय उम्मीदवार

धारावी सीट पर 85 हजार से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। मुस्लिम समाज से गाजी सादोद्दीन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। अगर मुस्लिम कार्ड चला, तो यहां चुनाव वहुत रोचक हो सकता है।

अब ज्योति गायकवाड को उम्मीदवारी

वर्षा के सांसद बनने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं को उम्मीद थी कि धारावी विधानसभा सीट से पार्टी उन्हें अवसर देगी। लेकिन, वर्षा की जगह उनकी बहन ज्योति गायकवाड ने ले ली। इससे संदेश कोंडविलकर, सुनील अहीरे और बी.जी. शिंदे जैसे नेताओं का सपना टूट गया।

खंदारे और रायबगे से टक्कर

इस सीट पर कांग्रेस ने वर्षा की बहन ज्योति को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि शिंदे गुट से राजेश खंदारे और बहुजन समाज पार्टी से मनोहर रायबगे चुनाव मैदान में हैं, इसलिए मुकाबला दिलचस्प है।

पिता-बेटी ने किया 35 साल नेतृत्व

1980 से 2024 में से अगर 5 साल का कार्यकाल को छोड़ दिया जाए, तो 40 साल तक कांग्रेस का विधायक रहा है, जिसमें 35 साल गायकवाड परिवार से पिता-बेटी का राज रहा। 1980 में कांग्रेस के प्रेमानंद आवले विधायक बने थे। 1985 और 1990 में कांग्रेस के ही टिकट पर एकनाथ गायकवाड चुनाव जीते। हालांकि, 1995 में शिवसेना के बाबूराव माने ने गायकवाड को हरा दिया, लेकिन 1999 में उन्होंने एक बार फिर वापसी की और मंत्री भी बने। गायकवाड ने लोकसभा चुनाव लड़ा और 10 वर्ष सांसद रहे। जब वह सांसद बने, तो बेटी वर्षा गायकवाड ने विधानसभा की कमान संभाली और 2004, 2009, 2014 और 2019 में जीत हासिल की। इस दौरान वह मंत्री भी रहीं। हालांकि, महायुति का आरोप है कि इतने साल में भी वह क्षेत्र का विकास नहीं कर पाई।

महायुति-महाविकास आघाडी के तर्क

यह चुनाव धारावी बनाम अदाणी है। क्षेत्र में कई समस्याएं है। पुनर्विकास मुख्य मुद्दा है। जब उनसे पूछा गया कि गायकवाड परिवार को जनता ने जितना अक्सर दिया, क्या वह पर्याप्त नहीं था, तो उन्होंने कहा कि गायकवाड परिवार ने काफी काम किया है, लेकिन एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी वाले इलाके में समस्याओं का अंबार था, उन्हें सुलझाने का प्रयास किया गया है।
शकील चौधरी,नेता, मुंबई कांग्रेस

जनता को धारावी के पुनर्विकास के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। कांग्रेस और महाविकास आघाडी अदाणी के नाम का ढोल पीट रही है, लेकिन सच्चाई नहीं बदल सकती। सच यह है कि पिता-बेटी ने 35 साल तक क्षेत्र का नेतृत्व किया और फायदा सिर्फ गायकवाड परिवार व कांग्रेस को हुआ।
गोवर्धन चौहान, नेता, मुंबई बीजेपी

Source / Input: NBT

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