इतिहास की रक्षा करना सामूहिक जिम्मेदारी: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
Narad Varta, नारद वार्ता संवाददाता, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को कहा कि देश के गौरवशाली इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को संरक्षित करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने यह बात लखनऊ के जनरल पोस्ट ऑफिस (जीपीओ) में ‘स्वतंत्रता संग्राम वीथिका’ के उद्घाटन समारोह के दौरान कही।
काकोरी कांड की स्मृतियों को संजोने की पहल
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने काकोरी कांड को दर्शाते हुए एक भित्ति चित्र (म्यूरल) का भी अनावरण किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश डाक मंडल और डाक विभाग द्वारा देश की समृद्ध विरासत को संरक्षित और प्रदर्शित करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “काकोरी ट्रेन कार्रवाई हमारी विरासत का एक अभिन्न अंग है और इसे इतने कलात्मक और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत होते देखना बेहद खुशी की बात है। मैं इस ऐतिहासिक पहल से जुड़े सभी लोगों को बधाई देती हूं।”
वीथिका में स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान
यह वीथिका लखनऊ जीपीओ के डिलीवरी हॉल से संबंधित है, जहां ब्रिटिश सरकार ने काकोरी कांड के क्रांतिकारियों पर मुकदमा चलाया था। इसके अंतर्गत फिलेटली संग्रहालय में खोली गई नई वीथिका में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े डाक टिकटों की प्रदर्शनी लगाई गई है। भित्ति चित्र में 9 अगस्त 1925 को हुए काकोरी कांड के दृश्यो को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया गया है।
काकोरी कांड: स्वतंत्रता संग्राम का गौरवशाली अध्याय
पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान, चंद्रशेखर आज़ाद और अन्य क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश सरकार के खजाने को लूटकर स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी थी। इस घटना के बाद अंग्रेजों ने क्रांतिकारियों को गिरफ्तार कर लिया और 1925 से 1927 के बीच लखनऊ के रोशनुद्दौला कोर्ट और रिंक थिएटर में मुकदमे चलाए गए। आज ये दोनों स्थान लखनऊ जीपीओ परिसर का हिस्सा हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों और घटनाओं को संरक्षित कर नई पीढ़ी को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े स्थलों को और अधिक संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इतिहास को जीवंत करने की पहल
उत्तर प्रदेश डाक मंडल ने इस भित्ति चित्र और वीथिका के माध्यम से देश के स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम पलों को संजोने का प्रयास किया है। इस अनूठी पहल का उद्देश्य युवाओं और आम जनता को इतिहास से जोड़ना और स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों के योगदान को याद दिलाना है।