महाराष्ट्र: विपक्ष ने किया बजट सत्र पूर्व चाय पार्टी का बहिष्कार
- Opposition Boycotts Pre-Budget Session Tea Party
प्रीती पांडेय, नारद वार्ता संवाददाता, मुंबई: महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया। विपक्ष ने सरकार पर जनहित के मुद्दों की अनदेखी, दागी मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल करने और विपक्षी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए धन आवंटन नहीं करने जैसे आरोप लगाए हैं।
‘दागी’ मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल करने पर नाराजगी महा विकास आघाडी (एमवीए) में शामिल कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) दलों ने महायुति सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्ष का आरोप है कि: सरकार ने कैबिनेट में ‘दागी’ नेताओं को शामिल किया। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। विपक्षी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास के लिए धन आवंटित नहीं किया जा रहा है।
सरकार पर जनहित के मुद्दों की अनदेखी का आरोप
पत्रकारों से बातचीत में शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक और विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि विपक्ष ने सरकार को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए, लेकिन उन पर न तो कोई चर्चा हुई और न ही उन्हें स्वीकार किया गया।
दानवे ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा: – धारावी पुनर्विकास परियोजना में अदाणी समूह को कथित रूप से अतिरिक्त भूमि देने का मामला संदिग्ध है।
– फ्रांसीसी कंपनी सिस्ट्रा इंडिया द्वारा एमएमआरडीए पर गंभीर उत्पीड़न के आरोप को लेकर सरकार चुप है।
– सरकार ने ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहन योजना’ में लाभार्थियों की संख्या कम कर दी।
– सोयाबीन और कपास उत्पादकों को समर्थन देने में सरकार विफल रही।
‘लाडकी बहन योजना’ से 10 लाख महिलाओं को किया बाहर
विपक्ष का दावा है कि लाडकी बहन योजना को चुनावों के मद्देनजर महिलाओं के वोट बैंक को ध्यान में रखकर लागू किया गया था। लेकिन अब सरकार ने 10 लाख से अधिक महिलाओं को अयोग्य घोषित कर दिया, जिससे उनका लाभ छिन गया।
इतिहासकार को धमकी देने वाले को संरक्षण देने का आरोप
दानवे ने आरोप लगाया कि इतिहासकार इंद्रजीत सावंत को धमकी देने वाले प्रशांत कोरटकर को सरकारी संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने मांग की कि कोरटकर को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। इसके अलावा, विपक्ष ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि अभिनेता राहुल सोलापुरकर, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी महाराज पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, उन्हें सरकारी समिति में शामिल किया गया।
विपक्ष का कड़ा रुख
विपक्ष का कहना है कि यह सरकार ऐतिहासिक हस्तियों का अपमान करने वालों को बचा रही है और जनहित के मुद्दों को सुलझाने में पूरी तरह विफल रही है। इसी कारण विपक्ष ने विधानसभा सत्र से पहले की पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया है।