महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर शिवमय हुई कान्हा की नगरी
- मथुरा-वृंदावन के शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब,
- कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था
- On the Auspicious Occasion of Mahashivratri, Lord Shiva’s Devotion Envelops Krishna’s City
संतोष दुबे, नारद वार्ता संवाददाता, मथुरा: महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन शिवमय हो उठी। हर ओर ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों की गूंज सुनाई दी और शिवालयों में भक्तों की लंबी कतारें लगीं। कांवड़ियों की भारी भीड़ के साथ मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और अभिषेक का आयोजन किया गया।
भोर से ही शिवालयों में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु सुबह से ही जलाभिषेक के लिए शिव मंदिरों की ओर उमड़ पड़े। मथुरा के प्रमुख शिवालय भूतेश्वर महादेव, रंगेश्वर महादेव, गल्तेश्वर महादेव और गोकर्णेश्वर महादेव में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। वृंदावन के गोपेश्वर महादेव और महावन के चिंताहरण महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। हर ओर शिव भक्ति के भजन, मंत्रोच्चारण और डमरुओं की ध्वनि गूंजती रही।
राजस्थान से आए हजारों कांवड़िए
महाशिवरात्रि पर राजस्थान के भरतपुर और आसपास के जिलों से हजारों कांवड़िए गंगाजल लेकर मथुरा होते हुए शिवालयों की ओर रवाना हुए। बुलंदशहर के नरौरा और कासगंज के सोरौं गंगा घाटों से जल लेकर कांवड़ियों के जत्थे यहां से गुजरे। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए। पुलिस उप महानिरीक्षक शैलेष कुमार पाण्डेय ने बताया कि शिवभक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई। उन्होंने कहा, ‘कांवड़ियों की निर्बाध यात्रा के लिए विशेष यातायात व्यवस्था लागू की गई। जहां आवागमन में बाधा आई, वहां ट्रैफिक को दूसरी दिशा में मोड़ दिया गया।’
मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और भंडारे का आयोजन मथुरा-वृंदावन के सभी शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन हुआ। भक्तों ने बेलपत्र, धतूरा, अक्षत और गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक किया। कई स्थानों पर भंडारे और जल सेवा शिविरों का भी आयोजन किया गया, जहां श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और पेयजल की व्यवस्था की गई थी।
शिवभक्ति के रंग में रंगी मथुरा-वृंदावन
शहर के प्रमुख मंदिरों और सड़कों को आकर्षक रोशनी और फूलों से सजाया गया था। हर ओर भक्ति और उल्लास का माहौल था। मंदिरों में शिव स्तुति और रुद्राभिषेक की गूंज सुनाई दी, जिससे पूरा क्षेत्र शिवमय हो गया। महाशिवरात्रि के इस दिव्य पर्व पर कांवड़ियों और श्रद्धालुओं की अपार श्रद्धा और प्रशासन की समुचित व्यवस्था ने मथुरा-वृंदावन में भक्ति और अनुशासन का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।