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महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए ‘महिला आर्थिक विकास महामंडल’ का कार्यक्षेत्र बढ़ाया जाए: मंत्री आदिति तटकरे

SPK DGIPR Mantralay Mumbai

प्रीती पांडेय, नारद वार्ता संवाददाता, मुंबई: महिला आर्थिक विकास महामंडल (माविम) के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर संगठन की कार्यक्षमता और प्रभाव को बढ़ाने के निर्देश महिला एवं बाल विकास मंत्री आदिति तटकरे ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि बचत समूहों के माध्यम से जन सुविधा केंद्रों का प्रबंधन किया जाए और सर्विस सेक्टर में महिलाओं को अधिकतम रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं, जिससे शहरी क्षेत्र की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।

मंत्रालय में समीक्षा बैठक आयोजित

महिला आर्थिक विकास महामंडल के कार्यों की समीक्षा के लिए मंत्रालय में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सचिव डॉ. अनुपकुमार यादव, माविम की प्रबंध निदेशक वर्षा लड्डा, सहसचिव श्री ठाकुर, माविम के सहायक प्रबंधक श्री गमरे और सलाहकार कुसुम बालसराफ सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

महिलाओं को अधिक अवसर देने पर जोर

मंत्री आदिति तटकरे ने कहा कि महामार्गों पर स्थित जन सुविधा केंद्रों के रखरखाव और प्रबंधन की जिम्मेदारी महिला बचत समूहों को देने का प्रस्ताव तैयार किया जाए। इन केंद्रों में शौचालय, ‘हिरकणी कक्ष’ (महिलाओं के लिए विशेष विश्राम स्थल), ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रदर्शनी एवं हस्तकला विक्रय केंद्र, और अल्पाहार स्टॉल जैसी सुविधाओं की स्थापना पर भी जोर दिया गया। इसके अलावा, ग्रामीण और कमजोर वर्ग की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए माविम पहले से ही कार्यरत है।

अब शहरी और मध्यमवर्गीय महिलाओं के लिए व्यावसायिक अवसर, वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने हेतु ‘पंडिता रमाबाई व्यक्तिगत महिला उपार्जन योजना’ के प्रस्ताव को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश भी मंत्री ने दिए।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में नई पहल

माविम के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में सरकार सर्विस सेक्टर में महिलाओं को रोजगार के नए अवसर देने, वित्तीय सहायता योजनाएं शुरू करने और स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने की योजना बना रही है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण की मुख्यधारा में लाना है।

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