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महाकुंभ में सिलेंडर की जांच होगी अनिवार्य, दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए कड़े दिशानिर्देश जारी

Narad Varta, नारद वार्ता संवाददाता, प्रयागराज: महाकुंभ मेला क्षेत्र में आग लगने की घटनाओं से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडरों की जांच को अनिवार्य कर दिया है। मंगलवार को खाद्य एवं रसद विभाग ने इस संबंध में एक विशेष बैठक आयोजित की, जिसमें आगजनी रोकने के लिए कई कड़े दिशानिर्देश जारी किए गए।

बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय:

1. सिलेंडर की तकनीकी जांच अनिवार्य: मेला क्षेत्र में सभी सिलेंडरों की जांच तकनीकी सहायकों द्वारा की जाएगी। यदि किसी सिलेंडर में रिसाव पाया गया, तो उसकी आपूर्ति तत्काल रोकी जाएगी।

2. मानक उपकरण अनिवार्य: उपभोक्ताओं के सिलेंडर, पाइप और रेगुलेटर की जांच कर मानकों के अनुरूप न होने पर उन्हें तुरंत बदला जाएगा।

3. गैस भंडारण की सीमा: मेला क्षेत्र में अधिकतम 100 किलोग्राम गैस तक ही भंडारण की अनुमति होगी।

4. वाहनों का पंजीकरण: गैस आपूर्ति करने वाले सभी वाहनों का पूरा विवरण कार्यालय में दर्ज किया जाएगा।

आपात स्थिति के लिए विशेष टीमें तैनात

मेला क्षेत्र में तकनीकी सहायकों की विशेष टीमें तैनात की गई हैं, जो किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करेंगी। साथ ही, घरेलू गैस का दुरुपयोग या अनधिकृत सिलेंडरों की बिक्री पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पिछली घटनाओं से सबक

रविवार को मेला क्षेत्र के सेक्टर-16 में किन्नर अखाड़ा शिविर के पास आग लगने की घटना के बाद यह बैठक आयोजित की गई। इस घटना में श्री हरि दिव्य साधना पीठ शिविर के एक छोटे टेंट में आग लगी थी। हालांकि, समय पर कार्रवाई होने से कोई हताहत नहीं हुआ।

सख्त कार्रवाई के निर्देश

खाद्य एवं रसद विभाग ने एलपीजी वितरकों और अधिकारियों को गैस आपूर्ति की सख्त निगरानी करने का निर्देश दिया है। नियमों के उल्लंघन पर संबंधित एजेंसियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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