महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने अपने-अपने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं, जिनमें वे विभिन्न मुद्दों और वादों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। महायुति ने “25 संकल्प” का आधार रखते हुए अपनी घोषणाओं को कई वर्गों और क्षेत्रों पर केंद्रित किया है। वहीं, एमवीए ने “महाराष्ट्रनामा” नामक घोषणा पत्र में मुख्यत: पांच गारंटियों पर जोर दिया है। दोनों गठबंधनों ने अपने घोषणा पत्र में किसानों, महिलाओं, युवाओं और समाज के अन्य वर्गों के लिए कई अहम वादे किए हैं।
महायुति का संकल्प पत्र
रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के “संकल्प पत्र” का विमोचन किया। शाह ने इस दौरान एमवीए पर निशाना साधते हुए इसे तुष्टिकरण और सत्ता की राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने भाजपा के संकल्प पत्र को “पत्थर पर खिंची लकीर” का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का संकल्प है। भाजपा का घोषणा पत्र “विकसित भारत” और “विकसित महाराष्ट्र” का विजन रखते हुए 2028 तक महाराष्ट्र को एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में कार्य करने का वादा करता है। इसमें नागपुर, पुणे और नासिक जैसे शहरों को एयरोस्पेस हब के रूप में विकसित करने की योजना शामिल है।
प्रमुख वादे:
- लाडकी बहना योजना: महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपये।
- बुजुर्गों के लिए पेंशन: 2,100 रुपये प्रति माह।
- कर्ज माफी और किसान सम्मान योजना: किसानों का कर्ज माफ और सालाना 15,000 रुपये।
- 25 लाख नौकरियों का सृजन अगले 5 सालों में।
- वीर सावरकर और अन्य ऐतिहासिक हस्तियों को भारत रत्न दिलाने का प्रयास।
- अक्षय अन्न योजना: कम आय वाले परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न।
- बिजली दरों में 30% की कमी और गरीबों के लिए सौर ऊर्जा का प्रावधान।
एमवीए का महाराष्ट्रनामा
महाविकास अघाड़ी ने “महाराष्ट्रनामा” के नाम से अपना घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें मुख्य रूप से पांच गारंटी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस घोषणा पत्र का विमोचन किया। उन्होंने इसे महाराष्ट्र के समग्र विकास का आधार बताया और कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग, शहरी विकास, पर्यावरण और जनकल्याण पर ध्यान केंद्रित किया। एमवीए ने 2030 तक “समृद्ध महाराष्ट्र” बनाने का वादा किया और सत्ता में आने पर 100 दिनों का एजेंडा जारी करने की योजना बनाई है।
प्रमुख वादे:
- महालक्ष्मी योजना: महिलाओं को हर माह 3,000 रुपये।
- मुफ्त बस सेवा और रियायती सिलेंडर: महिलाओं के लिए साल में छह गैस सिलेंडर 500 रुपये में।
- 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली।
- स्वास्थ्य बीमा योजना: परिवारों के लिए 25 लाख रुपये तक का बीमा और मुफ्त दवाएं।
- कर्ज माफी: किसानों के लिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज माफ।
- बेरोजगारी भत्ता: युवाओं को 4,000 रुपये प्रति माह।
- 50% आरक्षण सीमा हटाने का प्रयास तमिलनाडु की तर्ज पर।
तुलना और निष्कर्ष
दोनों गठबंधनों ने अपने-अपने घोषणा पत्र में महाराष्ट्र के विभिन्न वर्गों और आवश्यकताओं पर जोर दिया है। महायुति ने महिलाओं और बुजुर्गों को आर्थिक सहायता देने, किसान कर्ज माफी, और नौकरियों के सृजन जैसे वादे किए हैं। वहीं, एमवीए का फोकस पांच गारंटी पर है, जिसमें महिलाओं, किसानों, और बेरोजगार युवाओं के लिए वित्तीय सहायता और विभिन्न योजनाओं का उल्लेख है। दोनों घोषणाओं में महिला सशक्तिकरण और किसानों के लिए राहत देने पर समानता दिखती है, लेकिन उनके वादों का तरीका और प्राथमिकताएं भिन्न हैं।