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अमेरिका के सीमा शुल्क बढ़ाने पर भारत को जवाबी कदम उठाने चाहिए: व्यापार विशेषज्ञ

Narad Varta, नारद वार्ता संवाददाता, मुंबई/नई दिल्ली:अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर उच्च सीमा शुल्क लगाने की संभावना पर व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को भी समान प्रतिक्रिया देनी चाहिए। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत ने 2018 में इसी तरह अमेरिका के गैरकानूनी शुल्कों का जवाब सेब जैसे उत्पादों पर शुल्क बढ़ाकर दिया था।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यदि ट्रंप प्रशासन ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को जारी रखता है, तो भारतीय निर्यातकों को वाहन, कपड़ा और औषधि उत्पादों पर उच्च शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘भारत को दृढ़ता से समान उपाय अपनाने चाहिए।’

अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ अभिजीत दास ने कहा कि यदि अमेरिका अतिरिक्त शुल्क लगाता है, तो इससे भारतीय वस्तुओं के लिए अमेरिकी बाजार बाधित हो सकता है। ऐसी स्थिति में भारत को समान कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में बातचीत में भारत की स्थिति मजबूत हो।

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप भारत पर आयात शुल्क के दुरुपयोग का आरोप लगाकर घरेलू उद्योगों की रक्षा करना चाहते हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ बिस्वजीत धर ने कहा, ‘ट्रंप का उद्देश्य अमेरिका को फिर से महान बनाना है, लेकिन भारत ने हमेशा बातचीत का समर्थन किया है। हालांकि, यदि चीजें बिगड़ती हैं, तो हमें जवाबी कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।’

निर्यातक संगठनों का मानना है कि ट्रंप की धमकी पर अमल करने की संभावना कम है, क्योंकि कई अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश में रुचि रखती हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा, ‘अगर अमेरिका चीन पर अधिक शुल्क लगाता है, तो भारत के पास अपना निर्यात बढ़ाने का अवसर होगा।’

उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के उप महासचिव एस पी शर्मा ने आशा व्यक्त की कि भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंध ट्रंप प्रशासन के तहत और मजबूत होंगे।

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