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एमएमआरडीए अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप,

  • फ्रांसीसी कंपनी ‘सिस्ट्रा’ ने हाईकोर्ट में दी चुनौती

मुंबई: मुंबई मेट्रो परियोजनाओं में परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाली फ्रांसीसी कंपनी ‘सिस्ट्रा’ ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है। कंपनी का दावा है कि उसे अनुचित लाभ देने का दबाव बनाया गया, भुगतान में देरी की गई और मनमाने दंड लगाए गए। इस बीच, बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एमएमआरडीए द्वारा सिस्ट्रा की भारतीय सहायक कंपनी का अनुबंध समाप्त करने के नोटिस को खारिज कर दिया।

अदालत ने कहा कि एमएमआरडीए का यह निर्णय मनमाना, अकारण और अनुचित है। अदालत ने प्राधिकरण को कंपनी की बात सुनने के बाद दोबारा निर्णय लेने का निर्देश दिया।

फ्रांसीसी दूतावास ने भारत सरकार से दखल देने की अपील

फ्रांसीसी दूतावास ने 12 नवंबर 2024 को दिल्ली में महाराष्ट्र सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर रूपिंदर सिंह को पत्र लिखकर इस मामले को गंभीरता से लेने और समाधान निकालने की अपील की। दूतावास ने कहा कि सिस्ट्रा को एमएमआरडीए के साथ काम करते हुए गंभीर उत्पीड़न और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

क्या है पूरा मामला?

सिस्ट्रा एमवीए कंसल्टिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को 2021 में मुंबई मेट्रो के तीन मार्गों – ठाणे-भिवंडी-कल्याण, अंधेरी-सीएसआईए और मीरा-भायंदर – के लिए डिजाइन, खरीद, निर्माण, प्रबंधन और पर्यवेक्षण का जिम्मा सौंपा गया था। इसका शुरुआती अनुबंध नवंबर 2024 में समाप्त होना था, लेकिन इसे दिसंबर 2026 तक बढ़ा दिया गया। हालांकि, 3 जनवरी 2025 को एमएमआरडीए ने अचानक कंपनी को नोटिस जारी कर उसके अनुबंध को समाप्त कर दिया। इस फैसले के खिलाफ सिस्ट्रा ने उच्च न्यायालय का रुख किया।

उच्च न्यायालय का फैसला

मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने एमएमआरडीए के निर्णय को अनुचित बताते हुए कहा कि अनुबंध की शर्तों का यह मतलब नहीं निकाला जा सकता कि प्राधिकरण बिना कारण बताए मनमाने तरीके से अनुबंध समाप्त कर सकता है। अदालत ने कहा कि एमएमआरडीए को कंपनी का पक्ष सुनकर नए सिरे से निर्णय लेना होगा।

आदित्य ठाकरे ने की निष्पक्ष जांच की मांग

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने इस मुद्दे पर **। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भ्रष्टाचार का एक और मामला है। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इसकी स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। ठाकरे ने कहा,’भारत और फ्रांस के बीच कूटनीतिक संबंध मजबूत हो रहे हैं, लेकिन एकनाथ शिंदे के शहरी विकास विभाग के तहत एमएमआरडीए ने फ्रांसीसी सलाहकार द्वारा उठाई गई भ्रष्टाचार की चिंताओं को खारिज कर दिया है।’ उन्होंने सवाल उठाया कि भ्रष्टाचार के पीछे कौन है? कौनसा करीबी मंत्री इसमें शामिल है?

एमएमआरडीए ने दी सफाई, भ्रष्टाचार के आरोपों को किया खारिज,

मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने फ्रांसीसी कंपनी सिस्ट्रा द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को गुमराह करने वाला और निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। एमएमआरडीए ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि सिस्ट्रा द्वारा किए गए दावे अनुबंध समाप्ति के बाद लगाए गए, जो कि एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हैं। एमएमआरडीए का स्पष्टीकरण

एमएमआरडीए ने प्रेस नोट में स्पष्टता दी

1. तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया: प्राधिकरण के अनुसार, सिस्ट्रा ने एमएमआरडीए द्वारा अनुबंध निलंबन और समाप्ति का नोटिस मिलने के बाद ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इससे स्पष्ट होता है कि यह आरोप उनकी अनुबंध संबंधी खामियों से ध्यान हटाने की रणनीति है।

2. पूर्व में कोई शिकायत नहीं की गई: सिस्ट्रा ने दावा किया कि अगस्त 2023 से उसे दिक्कतें हो रही थीं, लेकिन उसने एमएमआरडीए, शहरी विकास विभाग, मुख्य सचिव कार्यालय या मुख्यमंत्री कार्यालय में कोई औपचारिक शिकायत नहीं की।

3. बिना हस्ताक्षर वाला पत्र: सिस्ट्रा द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज बिना हस्ताक्षर के थे, जिसे महाराष्ट्र सरकार की नीति के अनुसार बिना प्रमाण का केवल एक प्रिंटआउट माना जाता है। फ्रांसीसी दूतावास ने भी इस दस्तावेज़ की सत्यता की पुष्टि नहीं की।

4. उच्च न्यायालय का फैसला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिट याचिका में सिस्ट्रा की याचिका खारिज कर दी और कहा कि एमएमआरडीए को सेवा समाप्ति पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार है। हालांकि, अदालत ने 3 जनवरी 2025 के नोटिस को रद्द कर दिया और एमएमआरडीए को निष्पक्ष सुनवाई के बाद निर्णय लेने का निर्देश दिया।

अनुबंध उल्लंघन और लापरवाही का आरोप

एमएमआरडीए ने कहा कि सिस्ट्रा की खराब कार्यप्रणाली, परियोजनाओं में देरी, लागत वृद्धि और सुरक्षा उल्लंघनों के कारण उसे कई बार चेतावनी दी गई थी।

  • सुरक्षा उल्लंघन: मीरा-भायंदर मेट्रो साइट पर एक दुर्घटना में एक श्रमिक की मौत हो गई थी, जिस पर मीरा-भायंदर पुलिस ने सिस्ट्रा के अधिकारियों पर लापरवाही का मामला दर्ज किया है।
  • अनुचित आरोपों का समय:भ्रष्टाचार के आरोप तब लगाए गए जब एमएमआरडीए ने निलंबन और अनुबंध समाप्ति का नोटिस जारी किया। इससे पहले किसी मंच पर कोई शिकायत नहीं की गई थी।
  • फ्रांसीसी दूतावास की भूमिका: फ्रांसीसी दूतावास ने सिस्ट्रा के आरोपों को न तो समर्थन दिया और न ही उनकी पुष्टि की।
  • मामला अभी न्यायालय में लंबित : एमएमआरडीए ने कहा कि मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए बिना पुष्टि के खबरें प्रकाशित करना अनुचित और कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ है।

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