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‘विकसित भारत केवल सपना नहीं, बल्कि सुनिश्चित लक्ष्य’

Narad Varta

रागिनी पांडेय, नारद वार्ता संवाददाता, मुंबई:भारत की समृद्ध शैक्षणिक विरासत नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों से जुड़ी रही है, जिसे हमें आगे बढ़ाना चाहिए। शिक्षा और तकनीक सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख कारक हैं और इनके माध्यम से ग्रामीण भारत का कायापलट संभव है। यह बातें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने के.पी.बी. हिंदुजा महाविद्यालय के अमृत महोत्सव के अवसर पर कही।

उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत’ केवल एक सपना नहीं, बल्कि एक सुनिश्चित लक्ष्य है, जिसे हम निश्चित रूप से प्राप्त कर सकते हैं। यह कार्यक्रम यशवंतराव चव्हाण सेंटर में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति धनखड़ की पत्नी सुदेश धनखड़, महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, हिंदुजा समूह के अध्यक्ष अशोक हिंदुजा, हर्षा हिंदुजा, पॉल अब्राहम और प्राचार्य चंद्रकला जोशी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

शिक्षा और उद्योग क्षेत्र के सहयोग की आवश्यकता

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और देश की युवा शक्ति इसकी सबसे बड़ी ताकत है। भारत आज आधुनिक शिक्षा प्रणाली में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने उद्योग क्षेत्र से आह्वान किया कि वे शिक्षा क्षेत्र में निवेश करें, जिससे बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को भी बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा, ‘शिक्षा और अनुसंधान समाज के लिए उपयोगी होने चाहिए। विद्यार्थी आत्म-अध्ययन पर अधिक ध्यान दें, क्योंकि शिक्षा एक आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है।’

हिंदुजा समूह के योगदान की सराहना

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने हिंदुजा समूह की सामाजिक सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि उनका कार्य समाज के लिए प्रेरणादायी है। हिंदुजा समूह ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है और उन्होंने गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाया है। कार्यक्रम में हिंदुजा समूह के अध्यक्ष अशोक हिंदुजा ने अपने संबोधन में बताया कि हिंदुजा समूह समाजसेवा और सामाजिक विकास पर हमेशा ध्यान केंद्रित करता रहा है। उन्होंने कहा कि संस्था ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। इस अवसर पर विशेष उपलब्धियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए।

‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत उपराष्ट्रपति धनखड़ और राज्यपाल राधाकृष्णन ने वृक्षारोपण भी किया।

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