- उत्तर भारतीय संगम का दीपावली स्नेह मिलन समारोह संपन्न
संदीप दुबे, मुंबई: मुलुंड हाई स्कूल के चंदन बाग रोड पर उत्तर भारतीय संगम द्वारा आयोजित दीपावली स्नेह मिलन समारोह ने इस बार सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में जहां गीत-संगीत का समा बंधा, वहीं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया।
संगीत के सुरों से बंधा शाम का माहौल
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण सुप्रसिद्ध लोकगीत गायक रॉबिन यादव की प्रस्तुति रही। उनके सुरों ने न केवल दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया बल्कि उत्तर भारतीय संस्कृति की झलक भी प्रस्तुत की। लोकगीतों और भजनों की इस श्रृंखला ने सभी को भाव-विभोर कर दिया।
गौरवपूर्ण उपस्थिति और सम्मान समारोह
समारोह की अध्यक्षता रमाशंकर तिवारी ने की, जबकि संचालन की जिम्मेदारी डॉ. बाबूलाल सिंह ने संभाली। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों में कांग्रेस के नेता राकेश शेट्टी, मुंबई कांग्रेस के उपाध्यक्ष गोविंद सिंह, सचिव किशोर मुंडेकल और जिला कार्याध्यक्ष उत्तम गीते शामिल रहे। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नेता डॉ. आर.आर. सिंह, समाजसेवी के.एन. सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे।
महिलाओं और सामाजिक योगदानकर्ताओं का सम्मान
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के योगदान को विशेष रूप से सराहा गया। नीता जोशी, अश्विनी पोछे, आस्था गुप्ता, गायत्री पाल और अन्य महिलाओं को उनके सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही, समाजसेवी और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले गणमान्य व्यक्तियों को भी पुष्पगुच्छ और पारंपरिक गमछा देकर सम्मानित किया गया।
समाज को जोड़ने का संदेश
कार्यक्रम के आयोजकों, जिनमें डॉ. सचिन सिंह, डॉ. आर.एम. पाल, अमित जायसवाल और शिवनारायण जायसवाल प्रमुख रहे, ने समारोह के जरिए समाज को एकजुटता और आपसी सहयोग का संदेश देने की कोशिश की। आयोजन समिति ने स्पष्ट किया कि दीपावली का यह आयोजन केवल उत्सव का मंच नहीं था, बल्कि समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाने का एक प्रयास था।
सांस्कृतिक और सामाजिक प्रतिबद्धता
उत्तर भारतीय संगम ने इस कार्यक्रम के जरिए यह संदेश दिया कि दीपावली न केवल दीपों का त्योहार है, बल्कि यह समाज में एकता और समानता का भी प्रतीक है। कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज करने वाले अन्य प्रमुख नामों में बाबूराम चौधरी, शशिकांत यादव, प्रकाश जैसवाल, जयभारत सिंह, और सुरेंद्र मिश्रा जैसे सम्मानित नागरिक शामिल थे। यह समारोह उत्तर भारतीय समाज के मेल-जोल और उनके योगदान को पहचानने के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने का एक बेहतरीन उदाहरण बना। समारोह में उपस्थित हर व्यक्ति ने इसे सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता की एक मिसाल बताया।