समाजसेवी मिठाईलाल सिंह का 96 वर्ष की आयु में निधन
- सामाजिक और शैक्षणिक जगत में शोक की लहर
- उत्तर भारतीय समाज के स्तंभ
- आर्य प्रतिनिधि सभा और कई संस्थाओं में दी अमूल्य सेवाएं
- Demise of Mithailal Singh: A Great Loss to North Indian Community and Social Service Sector
नारद वार्ता संवाददाता, मुंबई: आर्य समाज माटुंगा के महामंत्री और उत्तर भारतीय प्रतिष्ठित समाजसेवी मिठाई लाल सिंह का रविवार को निधन हो गया। वे 96 वर्ष के थे और लंबे समय से सामाजिक, शैक्षणिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में सक्रिय थे। उनके निधन से उत्तर भारतीय समाज में गहरा शोक व्याप्त है।
मिठाईलाल सिंह 1955 से आर्य समाज माटुंगा मुंबई से जुड़े थे। 1962 से 1965 तक मुंबई प्रदेश कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष रहे। 1959 में वे आर्य समाज माटुंगा के प्रधान चुने गए और 1968 से लगातार महामंत्री पद पर निर्वाचित होते रहे। उन्होंने मुंबई में कई शिक्षण संस्थाओं की स्थापना और संचालन में अग्रणी भूमिका निभाई। वे आर्य प्रतिनिधि सभा मुंबई के 2002 से 2022 तक निर्विरोध प्रधान रहे और सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली के भी अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने दयानंद वैदिक विद्यालय, मुलुंड और चारकोप में कई स्कूलों एवं कॉलेजों की स्थापना और विकास में योगदान दिया। 1982 में उन्होंने दि प्रताप को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना की और चेयरमैन पद पर दो दशकों तक कार्य किया। वे बैंक के वर्तमान निदेशक भी थे।
उत्तर भारतीय भवन में अहम भूमिका
1988 से 1998 तक वे उत्तर भारतीय संघ मुंबई के अध्यक्ष रहे और उनके नेतृत्व में संघ को सरकारी भूखंड मिला, जिससे वर्तमान भवन व महाविद्यालय का विकास संभव हुआ। उनके निधन से आर्य समाज, शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में एक युग का अंत हो गया।