- उत्तर भारतीय मतदाताओं का सुलभा के पक्ष में झुकाव अधिक
एनवी संवाददाता, कल्याण
कल्याण पूर्व विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। यहां का राजनीतिक माहौल पूरी तरह गर्माया हुआ है। इस बार चुनाव मैदान में भाजपा के मौजूदा विधायक गणपत गायकवाड की पत्नी सुलभा गायकवाड, शिवसेना (उद्धव गुट) से धनंजय बोडारे, निर्दलीय उम्मीदवार महेश गायकवाड, शैलेश तिवारी, वंचित विकास आघाड़ी से विशाल पावशे और अन्य उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हालांकि, मुकाबला मुख्य रूप से सुलभा गायकवाड और धनंजय बोडारे के बीच सिमटता नजर आ रहा है।
निर्णायक भूमिका में है उत्तर भारतीय मतदाता
कल्याण पूर्व की इस सीट पर उत्तर भारतीय मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। क्षेत्र में उत्तर भारतीय समुदाय का प्रभावशाली वोट बैंक है, जो पारंपरिक रूप पहले कांग्रेस और अब भाजपा का समर्थक है। शुरुआती दौर में शिवसेना शिंदे गुट के कुछ उत्तर भारतीय कार्यकर्ता निर्दलीय उम्मीदवार महेश के साथ दिखाई दिए थे, लेकिन अब वे भी दूर है। यह नेता शुरुआत में छठ पूजा के समय महेश के साथ घूमते नजर आ रहे थे। तभी से यह माना जा रहा था कि कभी भी इन्हें हाईकमान से निर्देश आ सकता है।
सुलभा को गणपत के पहुंच का लाभ
सुलभा गायकवाड को क्षेत्र में अपने पति और मौजूदा विधायक गणपत गायकवाड के कार्यों का सीधा लाभ मिल रहा है। जिस तरह से पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तर भारतीय समाज का गणपत को भारी समर्थन मिला था, इस बार भी सुलभा के पक्ष में दिखाई दे रहा है। समाज का झुकाव इस वजह से भी है कि भाजपा ने कई उत्तर भारतीय नेताओं को यहां पर प्रचार के लिए उतारा। उत्तर भारतीय समाज को अपने पक्ष में करने में लगे हैं बोडारे धनंजय ने क्षेत्र में मराठी मतदाताओं के साथ-साथ उत्तर भारतीय वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है।