‘दिघे साहब के पार्थिव को मैंने अग्नि दी थी’
- केदार दिघे का सीएम शिंदे को जवाब
एनवी संवाददाता, कल्याण: महाराष्ट्र की राजनीति में पांचपाखडी विधानसभा क्षेत्र की चुनावी जंग तीखी हो गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (ठाकरे गुट) के उम्मीदवार और आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें कभी आनंद दिघे के साथ नहीं देखा गया। इस पर केदार दिघे ने तीखा जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि आनंद दिघे के पार्थिव को अग्नि देने का अधिकार उन्होंने ही निभाया है।
शिंदे की टिप्पणी पर केदार दिघे का पलटवार
मुख्यमंत्री शिंदे ने एक समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में केदार दिघे की काबिलियत और उनके आनंद दिघे से जुड़ाव पर सवाल उठाए थे। शिंदे के बयान का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए केदार ने ‘एक्स’ पर जवाब दिया, ‘दिघे साहब के पवित्र पार्थिव को मैंने वारिस के रूप में अग्नि दी थी। मैंने बचपन में ही दिघे साहब के साथ समय बिताया है। वह उम्र राजनीति की समझ रखने की नहीं थी, लेकिन यह बात मुख्यमंत्री जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को समझनी चाहिए।’
क्या कहा था मुख्यमंत्री शिंदे ने ?
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से एक समाचार चैनल ने पूछा कि पांचपाखडी विधानसभा क्षेत्र में कोई बड़ी प्रचार सभा नहीं हुई है, लेकिन आपके खिलाफ आनंद दिघे का भतीजा केदार दिघे मैदान में है। इस पर शिंदे ने कहा, ‘आनंद दिघे और केदार दिघे में बहुत बड़ा अंतर है। आनंद दिघे मेरे गुरु थे और मैं उनके आदर्शों पर चलते हुए राजनीति कर रहा हूं। मैंने केदार को कभी आनंद दिघे के साथ नहीं देखा। केवल उपनाम से कोई फर्क नहीं पड़ता।”
शिष्य और भतीजे में है मुकाबला
पांचपाखडी विधानसभा क्षेत्र में इस बार की लड़ाई खास है क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद मैदान में हैं और उनके खिलाफ आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे शिवसेना (ठाकरे गुट) से चुनाव लड़ रहे हैं। यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देखा जाएगा कि शिंदे की लोकप्रियता उन्हें फिर से सत्ता में लाएगी या “दिघे” नाम का असर केदार को जीत दिलाएगा।