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महाराष्ट्र: एचआईवी संक्रमण की अफवाह पर परिवार का सामाजिक बहिष्कार, मजदूर ने लगाए पुलिस और चिकित्सक पर आरोप

Narad Varta, नारद वार्ता, छत्रपति संभाजीनगर:
महाराष्ट्र के बीड जिले के बीडसांगवी गांव के एक मजदूर का परिवार एचआईवी संक्रमण की अफवाह के चलते सामाजिक बहिष्कार का शिकार हो रहा है। मजदूर ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी की मौत को लेकर फैलाई गई गलत जानकारी के लिए एक पुलिसकर्मी और सरकारी चिकित्सक जिम्मेदार हैं।

मजदूर ने जिला पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को मई 2023 से ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था। इस संबंध में अक्टूबर 2024 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

चिकित्सकों और पुलिस पर गंभीर आरोप
मजदूर ने दावा किया कि उनकी बेटी की 13 दिसंबर को मौत हो गई और जब उसे आष्टी के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, तो चिकित्सकों ने दुर्व्यवहार किया। एक पुलिसकर्मी ने रिश्तेदारों से यह कहकर अंतिम संस्कार में शामिल होने से मना किया कि उनकी बेटी एचआईवी संक्रमित थी। मजदूर ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उसकी बेटी की ससुराल वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उनके साथ मिलीभगत की।

परिवार पर असर और सामाजिक बहिष्कार
मजदूर ने बताया कि इस अफवाह के चलते उनके बेटे और दूसरी बेटी ने परिवार से दूरी बना ली है। गांव वालों ने बातचीत करना बंद कर दिया है, जिससे परिवार सामाजिक रूप से अलग-थलग पड़ गया है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया
बीड के पुलिस अधीक्षक नवनीत कंवत ने बताया कि जिस पुलिसकर्मी पर आरोप लगाया गया है, उसने वही कहा जो चिकित्सक ने उसे बताया था। जिला सिविल अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच जारी है और रिपोर्ट शाम तक आ जाएगी।

मजदूर की मांग
मजदूर ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और न्याय की मांग की है, ताकि उनकी बेटी की मौत के पीछे की सच्चाई सामने आ सके और उनके परिवार को सामाजिक बहिष्कार से मुक्ति मिल सके।

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