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महाकुंभ से वैश्विक स्तर पर ब्रांड यूपी को मिलेगा और बल, ओडीओपी के स्टॉल बनेंगे आकर्षण का केंद्र

  • Mahakumbh’ to Strengthen Brand UP Globally, ODOP Stalls to Be the Center of Attraction

Narad Varta, नारद वार्ता संवाददाता, लखनऊ/ मुंबई: तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ से ब्रांड यूपी को वैश्विक पहचान और मजबूती मिलेगी। इस महाकुंभ में देश-विदेश की नामचीन कंपनियां अपनी ब्रांडिंग में व्यस्त हैं और लगभग 30 हजार करोड़ रुपये मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर खर्च कर रही हैं। इस आयोजन के माध्यम से उत्तर प्रदेश और भारत के स्थानीय उत्पादों को एक नया बाजार मिलेगा, जो ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे अभियानों को मजबूत करेगा।

ओडीओपी योजना की सफलता:
महाकुंभ में ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना का विशेष स्थान है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 2018 में शुरू हुई इस योजना के तहत प्रदेश के हर जिले के खास उत्पादों को नई पहचान मिली है। इसके कारण सिद्धार्थनगर के कालानमक चावल, गोरखपुर के टेराकोटा उत्पाद, कुशीनगर का केला, मुजफ्फरनगर का गुड़, और अन्य उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है। इन उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग से हजारों हस्तशिल्पियों और उनके परिवारों की जीवनशैली में बदलाव आया है।

महाकुंभ में ओडीओपी की प्रदर्शनी:
महाकुंभ में लगभग 6,000 वर्गमीटर क्षेत्र में ओडीओपी की प्रदर्शनी लगाई गई है, जहां यूपी के जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) से मान्यता प्राप्त उत्पादों की बिक्री होगी। इनमें बनारसी साड़ियां, गोरखपुर का टेराकोटा, मिर्जापुर के पीतल के बर्तन और प्रतापगढ़ के आंवले के उत्पाद प्रमुख हैं। इन उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है, जो उनकी विशिष्टता और गुणवत्ता को साबित करता है।

आर्थिक प्रभाव और लाभ:
महाकुंभ के दौरान ओडीओपी उत्पादों से लगभग 35 करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद है। चूंकि इन उत्पादों से अधिकांश हस्तशिल्पियों का जुड़ाव है, इसलिए इसका अधिकांश लाभ उन्हीं तक पहुंचेगा। इस प्रदर्शनी के माध्यम से इन उत्पादों की ब्रांडिंग और वैश्विक मांग में वृद्धि होगी, जो लंबे समय तक जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स को लाभ पहुंचाएगी।

देशभर के राज्यों की सहभागिता:
महाकुंभ एक बड़ा प्लेटफॉर्म है, जहां अन्य राज्यों को अपनी विविधता, संस्कृति और लोक परंपराओं को प्रदर्शित करने का अवसर मिला है। गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, दादरा नगर हवेली, नागालैंड और लेह जैसे राज्यों ने भी अपने राज्य मंडपों में अपनी सांस्कृतिक और वाणिज्यिक विशेषताएं प्रदर्शित की हैं।

महाकुंभ से पूर्वांचल को मिली नई पहचान

अपना पूर्वांचल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार पांडेय ने कहा कि महाकुंभ न केवल उत्तर प्रदेश के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन बन चुका है, जो भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में एक नई पहचान दिलाएगा। हमारी संस्था का संकल्पना है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के हिस्से का विकास हो। वहां के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिले। यह हमारा सौभाग्य है कि जिस उद्देश्य से अपना पूर्वांचल महासभा का गठन हुआ था, वह उद्देश्य तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ और अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर की वजह से पूरा हो रहा है। लोगों को रोजगार मिल रहा है और पूर्वांचल हर रोज नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

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