भारत में जैविक खेती के प्रति जागरूकता लगातार बढ़ रही है। केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं लेकर आई हैं, ताकि किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों के उपयोग से मुक्ति दिलाई जा सके।
जैविक खेती के लिए सरकारी योजनाएं
केंद्र सरकार की “परंपरागत कृषि विकास योजना” (PKVY) और “मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट” जैसे प्रयास किसानों को जैविक खेती में मदद करने के लिए बनाए गए हैं। इन योजनाओं के तहत किसानों को जैविक उत्पादों के विपणन और प्रमाणीकरण में सहायता दी जाती है।
किसानों के लिए जैविक खेती का महत्व
जैविक खेती करने वाले किसानों ने बताया कि इससे उनकी मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और उत्पादन लागत में कमी आई है। जैविक खेती पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही किसानों की आय में वृद्धि करती है। इसके अलावा, जैविक फसलों की बाजार में अधिक मांग होने के कारण किसानों को लाभ भी मिल रहा है।
देश के विभिन्न हिस्सों में जैविक खेती के अनुभव
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जैविक खेती की नई पहल की जा रही है। उदाहरण के लिए, पंजाब में धान की फसल में जैविक विधि का उपयोग किया जा रहा है, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
जैविक खेती की चुनौतियां और भविष्य
हालांकि, जैविक खेती में कई प्रकार की चुनौतियां भी हैं, जैसे कि उत्पादकता में कमी और उपज के विपणन की समस्या। सरकारें इन समस्याओं के समाधान के लिए नई नीतियां बना रही हैं, जिससे जैविक खेती का दायरा बढ़ सके।